गंगा इमली @ Suwartala

गंगा इमली
अवि जब लाकडाउन  में घर आया तो बहोत से पुराने दिन बचपन के  याद आये जो गर्मी के समय  में हम लोग घूमने जाते थे तो गुलेल , झोला , टगिया ,माचिस ,दगनी (लम्बा पतली लकड़ी ) और  पानी भरकर टिपिन  लेकर घर से घूमने निकलते थे यह बहोत कांटेदार  वाली होती थी इस कारण  ऊपर चढ़ने में परेशानी होती थी. डंडों  से शाखाओं को प्रहार कर गिराते थे और अपनी  अपनी  जेबों में ठूंस ठूंस कर भर लाते थे.  इसी समय में गाओं में गंगा इमली का पकना चालू हो जाता है आज जब मई फिर से गुमने गया तो देखा मेरे कोठार (बाढ़ी ) में गंगा इमली पके हुए थे तो मैं उसमे चढ़कर एक पतली लड़की जो ज्यादातर बांस का होता है और मजबूत वि होता है उसमे  टेड़े लकड़ी को बांधकर गंगा इमली तोड़ने के लिए  उसे खींचने के लायक बनाया और मैं पेड़  में चढ़ गया यह पेड़ बहोत काँटेवाले होते है बिना दागनी या लकड़ी के ऐसे तोड़ा  नहीं जा सकता है  गंगा इमली को खाने के बाद प्यास बहुत लगती है  यह  हमारे गावो में बहुत सारे है यह बहुत मीठी होती है  यह जलेबी की तरह दिखाई देता है  यह पकने के बाद लाल रंग का  हो जाता  है गंगा इमली  बहोत से लाभदायक है   एक पाकिस्तानी फेसबुकिया ने इसका नाम जंगल जलेबी बताया.  बचपन में तो ज्ञान नहीं था. लेकिन अब मालूम हुआ कि यह फल मूलतः मेक्सिको का है और दक्षिण पूर्व एशिया में बहुतायत से पाया जाता है. फिलिप्पीन में न केवल इसे कच्चा ही खाया जाता है बल्कि  चौके में भी कई प्रकार के व्यजन बनाने में प्रयुक्त होता है. इस फल में प्रोटीन, वसा, कार्बोहैड्रेट, केल्शियम, फास्फोरस, लौह, थायामिन, रिबोफ्लेविन आदि तत्व भरपूर मात्र में पाए जाते हैं. इसके पेड की छाल  के काढे से पेचिश का इलाज किया जाता है.  त्वचा रोगों, मधुमेह और आँख के जलन में भी इसका इस्तेमाल होता है. पत्तियों का रस दर्द निवारक का काम भी करती है और यौन संचारित रोगों में भी कारगर है . इसके पेड की लकड़ी का उपयोग इमारती लकड़ी की तरह ही किया जा सकता है. गंगा इमली को कई नामों से जाना जाता है, जैसे इसे मैक्सिको में हुआमुश, गुआमुश; कोलम्बिया में चिमिनांगो; गुजराती में गोरस अंबली; और अन्य स्थानों पर जलेबी या गंगा इमली कहा जाता है। मूल रूप से जंगल जलेबी मैक्सिको में उत्पन्न हुई थी और वहाँ से अमेरिका, मध्य एशिया और फिर भारत में फैल गई। यह पेड़ लगभग 10 से 15 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है। इसके तने चमकदार होते हैं और इसकी पत्तियाँ द्विपक्षिका होती हैं। प्रत्येक पिन्ना में अंडाकार आकृति की पत्ती की एक जोड़ी होती है जो लगभग 2 से 4 सेंटीमीटर लंबी होती है। फूल हरे-सफेद, और सुगंधित होते हैं  @ Suwartala #gangaemali #cgrider #ganga emali 

Comments

Popular posts from this blog

बैताल रानी घाटी छत्तीसगढ़ का सबसे खतरनाक घाटी l baital rani ghati

जय जोहार संगवारी मैं हूं हर्ष आज आपके लिए लेकर आया हूं मैं नवरात्रि स्पेशल वीडियो जिसमें मैं नवरात्रि की पूरे 9 दिन अलग-अलग जगह का माता का दर्शन कराऊंगा अभी कोरोना काल की वजह से कई मंदिर बंद है जो कि 17 तारीख से बंद हो जाएगा तो दोस्तों 17 तारीख से हम आपके लिए बहुत सारे मंदिरों का वीडियो लाएंगे जिसमें माता का दर्शन कराएंगे दोस्तों इस वीडियो के जरिए आप घर बैठे हैं माता का दर्शन कर सकते हैं इस नवरात्रि आप घर में ही मना सकते हैं तो दोस्तों बने रहिये हमारे इस चैनल छत्तीसगढ़ में राइडर में और अपना प्यार और माया दुलार बनाते रहु मोर बर वीडियो के लिंक निचे में दे हवे https://youtu.be/kUQP0_Mx53Q #नवरात्रिस्पेशल #navratrispecialvideo #NavratriSpecial #officialtrailer #navratri2020 #navratri2020 #dongarhgarh #mahaisurmardani #chaiturgarh #nathaldai #marhimarabhanwartank #karelabhawanimata #patalbhairavi #khallarimata #budhimairaigarh #navrati #navratri2020 #बमलेश्वरीनीचेमंदिरडोंगरगढ़ #छोटीमांबम्लेश्वरीमंदिरडोंगरगढ़ #चंद्रहासिनीमाताचंद्रपुर #नाथलदाईमंदिररायगढ़ #मरहीमाताभनवारटंकपेंड्रामरवाही #महामायामंदिररतनपुर #खल्लारीमातामंदिरभीमखोजमहासमुंद #मातापातालभैरवीराजनांदगांव #करेलाभवानीमंदिरराजनांदगाँव #बंजारीमातामंदिररायगढ़ #बूढ़ीमाईमंदिररायगढ़ #महिषासुरमर्दिनीमाताचैतुरगढ़कोरबा #मांदंतेश्वरीमंदिरदंतेवाड़ा #माँमानकेशरीमंदिरजामगांवरायगढ़