#छत्तीसगढ़ #राइडर की ओर से जम्मो परदेश के मनखे मन ला हमर लोक परब अउ छत्तीसगढ़ के पारम्परिक तिहार "#अकती (अक्षय_ तृतीया) के आप जम्मो झन ल अबड अकन बधई अउ शुभकामनाये |
#अक्षय #तृतीया पर्व को कई नामों से जाना जाता है. इसे अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है.इस पर्व को भारतवर्ष के खास त्यौहारों की श्रेणी में रखा जाता है. अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन स्नान, दान, जप, होम आदि अपने सामर्थ्य के अनुसार जितना भी किया जाएं, अक्षय रुप में प्राप्त होता है. इस दिन लोग घरो में मटके का पूजा करते है और अनेक प्रकार के पकवान बनाते है जिसमे सोहारी बरा भजिया गुलगुला भजिया अउ चीला रोटी बनाते है और मटके में चढ़ाते है और मटके में पानी भरते है फिर दूसरे दिन से उसी मटके से पानी पीना चालू करते है
अक्षय तृतीया कई मायनों से बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है. इस दिन के साथ बहुत सारी कथाएं ओर किवदंतीया जुडी हुई हैं. ग्रीष्म ऋतु का आगमन, खेतों में फसलों का पकना और उस खुशि को मनाते खेतीहर व ग्रामीण लोग विभिन्न व्रत, पर्वों के साथ इस तिथि का पदार्पण होता है. धर्म की रक्षा हेतु भगवान श्री विष्णु के तीन शुभ रुपों का वतरण भी इसी अक्षय तृतीया के दिन ही हुए माने जाते हैं.
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