मलाजकुंडम जलप्रपात
जय जोहार संगवारी हो मैं हूं हर्ष आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं मलाजकुडूम जलप्रपात का छोटा सा जानकारी कांकेर मुख्यालय से लगभग 17 किमी. की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से गढ़पिछवाड़ी होते हुए मलाजकुड़ुम जाने के लिए पक्का मार्ग है। मलाजकुड़ुम झरने की खूबसूरती देखने के लिए जिले के अलावा अन्य जिलों से भी पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। स्कूल व कालेजों की छुट्टियां होते ही युवाओं का जमघट लगने लगता है। पहाड़ के नीचे स्थित इस गांव का नाम भी मलाजकुड़ुम है और उसी के नाम से इस झरने को जाना जाता है। यह ग्राम र्मदापोटी ग्राम पंचायत के अंर्तगत आता है। जिला मुख्यालय के पास मलाजकुड़ुम ऐसा स्थल है जहाँ पर नए वर्ष का जश्न मनाने और पिकनिक मनाने के लिए कांकेर के अलावा अन्य जिलों से भी लोग पहुंचते है। शहर के बीचोबीच से बहने वाली दूधनदी कांकेर की लाइफ लाइन कहलाती है। दो दशक पहले तक साल के बारहों महीने बहने वाली दूधनदी में अब मात्र बारिश के महीनों में पानी रहता है। गर्मियों में तो नदी पूरी तरह सूख जाती है। मलाजकुंडम दूध नदी का जलप्रपात है। इस जलप्रपात का दृश्य नीचे से मनोहारी लगता है। पूरी जलराशि अलग-अलग चरणो में नीचे तक आती है। चारों ओर हरियाली इसके सौंदर्य को और निखारती है। बडी जलराशि की धार जब नीचे आती है तो सैकडों फुहारें अपने साथ लाती है। जलराशि कहां से आ रही है यह जानने की उत्कंठा चट्टानो पर उपर चढने को मजबुर कर देती है। उपर चढने पर नीचे छोटी सी घाटी का अलग रूप देखने को मिलता है। उपर जाने पर दूध नदी का उद्गम स्थल मिलता है। यही से धारा निकलती है और पहाडी से नीचे आकर नदी का रूप धारण करती है। जलप्रपात नीचे आकर एक स्थान पर इकट्ठा होकर कुंड का रूप बनाता है। इसीलिये इसका नाम मलाजकुंडम पडा। मलाजकुण्डम जलप्रपात
मलाजकुंडम दूध नदी का जलप्रपात है। इस जलप्रपात का दृश्य नीचे से मनोहारी लगता है।पूरी जलराशि अलग- अलग चरणो मे नीचे तक आती है।चारों ओर हरियाली इसके सौंदर्य को और निखारती है। बडी जलराशि की धार जब नीचे आती है तो सैकडों फुहारें अपने साथ लाती है।जलराशि कहां से आ रही है यह जानने की उत्कंठा चट्टानो पर उपर चढने
को मजबुर कर देती है।उपर चढने पर नीचे छोटी सी घाटी का अलग रूप देखने को मिलता है।उपर जाने पर दूध नदी का उद्गम स्थल मिलता है।यही से धारा निकलती है और पहाडी से नीचे आकर नदी का रूप धारण करती है।जलप्रपात नीचे आकर एक स्थान पर इकट्ठा होकर कुंड का रूप बनाता है।इसीलिये इसका नाम मलाजकुंडम पडा। बस्तर का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कांकेर जिला मे स्थित है मलाजकुंडम जलप्रपात। कांकेर ,रायपुर से राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर 140 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।वहां से बस्तर
की ओर आगे बढने पर 16कि.मी. राजमार्ग से दाई ओर जाने पर मलाजकुंडम जलप्रपातहै।मुख्य सडक से अंदर जाने पर कुछ ही दूरी पर जंगल प्रारंभ हो जाता है। यही रास्ते मे जल धारा मिलती है। कांकेर से 16 किमी. दूर दूध नदी सुन्दर जलप्रपात का निर्माण करती है ।
यहां नदी तीन चरण में प्रपात का निर्माण करती है । इन झरनों की क्रमश: ऊंचाई ३०, ४५ , एवं २७ फिट है । छबि-किसानदूत से लिया गया ।
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