रायगढ़ कि शान कहे जाने वाली मोती महल
रायगढ़ कि शान कहे जाने वाली मोती महल जिसका निर्माण 1904 में रायगढ़ शहर के भूतपूर्व समय के शिल्पी और महान ठेकेदार श्याम गांगजी सावरिया हैं इस मोतीमहल को राजा मदन सिंह के वंशज राजा जुझारसिंह के द्वारा एवं उनके देखरेख में बनवाया गया तत्पश्चात राजा चक्रधर के द्वारा इस मोतीमहल का पुनर्निर्माण 19वी शताब्दी में कराया गया और राजा चक्रधर की पहली पत्नी रानी मंगल मूर्ति देव के नाम पर इस महल का नाम मोतीमहल रखा गया साथ ही मोती महल के ऊपर गोंड सभ्यता को निखारता हुआ एक बड़ा लौह धातु का घंटा लगाया गया है साथ ही महल के नजदीक एक तालाब है जिसे बाग तालाब के नाम से जाना जाता है और यह बाग तालाब रानी मंगल मोती देव के निजी उपयोग के लिए निर्मित किया गया था जो कि वह तलाब आज भी विद्यमान है जो रायगढ़ के प्रसिद्ध और पुरातत्व को दर्शाता है इसके साथ ही ऐसा कहा जाता है कि मोती महल के अंदर एक गुप्त सुरंग थी जो मोतीमहल से सारंगढ़ को जाती थी और यह गुप्त सुरंग समय के साथ विलुप्त हो गया साथ ही इस महल के सामने राज दरबार का निर्माण कराया गया था जो कि आज वर्तमान में रायगढ़ के नगर निगम के देखरेख में पुलिस चौकी स्थापित कर दी गई है |
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