#रायगढ़_में_है_आज_से_1500_वर्ष_पुराना_रहस्यमयी_प्राचीन_शिव_मंदिर
#रायगढ़_में_है_आज_से_1500_वर्ष_पुराना_रहस्यमयी_प्राचीन_शिव_मंदिर
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15 सौ वर्ष पूर्व के शिव मंदिर का दर्शन कराया हैं। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के सरिया विकाशखण्ड में स्थित ग्राम पुजेरिपाली में है। यह क्षेत्र अत्यंत प्राचीन है यहां आज भी प्राचीन स्मारकों और मूर्तियों के अवशेष प्राप्त होते है। इस शिव मंदिर को देउल केवटिन मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के अलावा यहां और भी कई प्राचीन मंदिर, स्मारक और मूर्तिया विद्यमान है जिसमे प्रमुख है बोर्राहसिनी मंदिर, गोपाल मंदिर, भैरव मंदिर और रानी झूलना। यहां एक प्राचीन बरगद का वृक्ष भी है जो कि काफी बड़ा वृक्ष है। पास में ही एक प्राचीन कुआं भी है जिसके जल से शिवलिंग का जलाभिषेक किया जाता है। मंदिर के पुजारी अभिमन्यु गिरी गोस्वामी जी ने मंदिर परिसर में रुद्राक्ष का वृक्ष लगा रखा है।
शिवलिंग की खासियत की अगर बात करें तो यह शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग है जिसमे जल अर्पण करने से जल सीधा पाताललोक में समाहित हो जाता है जलहरी से बाहर नही निकलता है चाहे आप जितना जल अर्पण कर ले। एक खासियत और है कि शिवलिंग के ऊपरी भाग में एक क्षिद्र है जिसमे सदैव पानी रहता है जिसे स्थानीय माँ गंगा के नाम से पुकारते है।
वैसे तो मंदिर की बनावट और प्राप्त अवशेषों से इस मंदिर को 6वी शताब्दी से 8 वी शताब्दी के मध्य का होना माना जाता है परंतु मंदिर के पुजारी और स्थानियो का अपार आस्था के अनुसार यह मंदिर द्वापर कालीन बताया जाता है। और यह मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा जी ने 6 मासी रात में किया है जिसमे गांव के एक केवटिन के उठ जाने से विश्वकर्मा जी ने मंदीर के निर्माण को रोक दिया इसलिए मंदीर का गुम्बज आज भी अधूरा है और इसी कारण से इस मंदिर को देउल केवटिन मंदिर के नाम से पुकारा जाता है। इस मंदीर के नजदीक ग्राम के मध्य में बोर्राहसिनी जी का मंदीर है जिसे ग्रामीणों ने संग्रहालय के रूप में प्राचीन अवशेषो को रखे हुए है। जिसमे कई देवी देवताओं की प्रतिमा विद्यमान है। बहुत ही नजदीक में खुले मैदान में दो दरवाजे है जो कि काफी प्राचीन है पत्थरों के इन दरवाजो में बहुत ही सुंदर प्रतिमा भी उकेरी गई है। इन दोनों दरवाजो को स्थानीय रानी झूलना के नाम से पुकारते है।
इन सभी के बारे में जानने के लिए आपको जाना होगा छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के सरिया विकाशखण्ड के ग्राम पुजेरिपाली में, या फिर आप हमारे यूट्यूब वीडियो के इस लिंक 👉 https://youtu.be/HLpoXQodRQ0
को टच कर घर बैठे ही इन नजारों का और इस अद्भुत रहस्यमयी मंदिर को देख सकते है।
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